खुदा से हमेशा दुआ ये करेंगे
संग जिए हैं अब तक संग ही मरेंगे
चाहे कितना भी कोई अलग हमको कर ले
जन्मों जन्म हम साथ ही रहेंगे

चाहत भी तुमसे है इबादत भी तुमसे है
होती है पल पल जो आहट वो भी तुमसे है
खामोश हूँ पर दिल कह रहा है
दिल को जो मिली वो राहत भी तुमसे है

माना है तुमको खुदा से भी ज़्यादा
सौ जन्म साथ देने का करता हूं वादा
इन आँखों ने तुमको देखा है ऐसे
जैसे कृष्णा मैं तेरा और तू मेरी राधा

खूबसूरत सी लगती है दुनिया ये मुझको
लुभाती हैं कलियां ये नदियां भी मुझको
धडकती है धड़कन सुखी है मेरा मन
बात जब से ये दिल की बतायी है तुझको.

कभी ठहर न जाये साँसे ये मेरी
उस पल दे देना चाहत तुम अपनी
आखिरी इच्छा बस इतनी ही होगी
बस सर रख लेना बाँहों में अपनी..

तुम पूछकर देखना सुबह और
शाम से.. ये दिल धड़का है तो
सिर्फ तेरे ही नाम से…

रमन उपाध्याय
👌👌
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Thank you so much rachna ji..
धन्यवाद मेरी कविताओं में रुचि के लिए
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Please visit my blog too
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Maine follow kr dia h..
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M jarur padhunga..
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Bhot khub
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Thank you so much
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V. Nice 👍
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Thanks
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Awesome poem thanks for Raman ji
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Thanks for your comments
Raman upadhyay
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super bhai
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Dhanyavad
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Very nyc👌👌👌👌😊😊
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Niceeeee g👌👌
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Thank you
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