हम भी चल रहे थे,
साए भी वहां थे,
इशारे थे कितने ,
समझदार कहां थे,
सब बैठे घर में
जानवर तक न वहां थे,
कुछ जाहिल घूम रहे सड़कों पर,
फैलाते फिर रहे बीमारी हर जगह ये,
बस अपनी मनमानी करते ये,।
गलत को गलत बोलना न जाने,
ये करदे तो सही,
बाकी किसी की न माने,
पढ़े लिखे अनपढ़ मूर्ख गंवार,
इंटरनेट पर फैला रहे अपने अशुद्ध विचार,
आंख पर पट्टी बांधे घूम रहे,
एक कुत्ता भोकें, सुन भोकें हज़ार,
हर जगह सुन रही मौतों की खबर,
न सुने कोई गरीब की पुकार,
अनाज बांटे , फोटो खींच,
दिखाते सबको, हमने किए कितने उपकार,
न उड़ाओ किसी गरीब की गरीबी का मज़ाक,
बाट रहे अनाज, फोटो खींचने लगे साथ साथ,
नेकी कर दरिया में डाल,यही सीखते आए हैं हम,
यही याद दिलाने आया हूं आज ।
मेरे पास हजारों फोटो है, जो मैं डाल सकता हूं, जो कि गरीबों को अनाज या खाना बाट रहे हैं,
क्या हम बिना किसी को दिखाए ये काम नहीं कर सकते, या हमे दिखाए बिना खाना हज़म नहीं होगा,
क्या हम अपने आस पास रह रहे इंसान ,जिनके पास किसी प्रकार की कमी है, उनकी मदद नहीं कर सकते – बिना फोटो लिए।
🙏 कृप्या करके आस पास रहने वाले गरीबों की मदद करना सीखें, नहीं तो कोरॉना से कोई मरे न मरे, भुखमरी से जरूर मर जाएंगे🙏।
Absolutely right
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Right
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