यू हाथो में हाथ लेकर,
बातो पर हँसी की परत चढ़ाकर,
आँखो से ऑंखे मिलाकर भरोसा मत दिलाओ,
हम मान जाएंगे,
अपने खालीपन को भरने के लिए,
यू हमे मत समझाओ,
हम समझ जाएंगे,
वो जज़्बात जो एक अरसे सो सोये हुए हैं,
इन्हें इतना मत छेड़ो,
वो जाग जाएंगे,
आप फिरसे वफ़ा करने का यकीन दिलाएंगे,
और हम फिरसे आपकी बातों पर फिसल जाएंगे,
आप फिरसे कुछ समय बाद खुद को बेचैन ,और हमे व्यस्त पायंगे,
हम फिरसे आपको बेवफा कहते नज़र आएंगे,
आप फिरसे ये ना सुन पाने का नाटक रचाएंगे,
आप फिरसे मेरे हातो में हाथ लेकर हमे समझायेंगे,
हम फिरसे मान जाएंगे,
ये अफ़साने ज़िन्दगी भर याद आएंगे,
ये तो दिल है, इस पर कितनी भी पाबंदी लगालो,लेकिन हर दफा आप ही के गुलाम कहलायेंगे।
बहुत ही बढ़िया रचना 👌
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धन्यवाद
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Great
Its really good
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Bahot achi lines hai too good
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Bht aachi h aacha likha h bht 👌👌👌🏻
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Bahot gajab 👌👌👌👌
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Bhot khoob gulam ali..
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