रंग फीके पड़ गए हैं ज़िन्दगी के,
ऐसे न रुलाया करो,
साल में एक बार आता है
सावन का महीना,
इतना मत सताया करो,
माना हम अब हैं नही साथ,
कम से कम सपनो में तो आया करो,
तुम्हारी आवाज़ में सब बातें अच्छी लगती हैं,
मैं लिखूँ, तुम्हारे लिए
और तुम गुनगुनाया करो,
साथ जब बैठे हो हम,कुछ भी बोलो,
पर उस कंगन को इतना मत घुमाया करो,
ये आँखे कुछ कहना चाहती हैं,
लबों पर पहरा न लगाया करो,
लगता है,तुम्हारा मन बदल गया है,
मन को इतना मत समझाया करो,
हम थोड़े रूठे तो,
ऐसे आंखे मत चुराया करो,
अपनी कही बातों को ऐसे न झुठलाया करो,
झूठ बोलना ही है,तो आँखो में आँखे डाल बताया करो,
वैसे,
अगर 2-3 दिन बात न हो,
तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता,
2-3 दिन क्या ,हम तो मिलते ही नहीं हैं,
लेकिन तुम सपनो में आ जाया करो,
मैं लिखूं तुम्हारे लिये,
और तुम गुनगुनाया करो।
Good thuts
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Very nyc lines☺️☺️
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Suprrrrr wali lines😊😊
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Suprrrrr wali lines😊😊
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How sweet 👌
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